'कर्णधार', 'सरदार' या 'प्रधान'... संविधान सभा में राष्ट्रपति के नाम पर खूब हुई थी चर्चा
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी द्वारा महामहिम राष्ट्रपति को 'राष्ट्रपत्नी' कहकर संबोधित किए जाने के कारण भारत का एक सालों पुराना संवैधानिक विवाद फिर से सुर्खियों में आ गया है. राष्ट्रपति के लिए हिन्दी में कौन सा ऐसा शब्द प्रयोग किया जाए जो कि जेंडर न्यूट्रल हो. यानी कि इसका प्रयोग पुरुषों के लिए और महिलाओं के लिए भी किया जा सके.लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने फिलहाल अपनी गलती को स्वीकार कर लिया है और कहा है कि उनकी जुबान फिसलने की वजह से इस तरह की गलती हुई. हालांकि पिछले 75 सालों में कई ऐसे मौके आए,कर्णधारसरदारयाप्रधानसंविधानसभामेंराष्ट्रपतिकेनामपरखूबहुईथीचर्चा कई डिबेट हुए जब भारत के हेड ऑफ द स्टेट का नाम बदलने पर चर्चा हुई और एक जेंडर न्यूट्रल नाम तलाशने की कोशिश की गई.समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार जब संविधान सभा में भारत के सर्वोच्च संवैधानिक पद का नामकरण करने के लिए बहस चल रही थी तो 'सरदार', 'प्रधान', 'नेता', 'कर्णधार' और 'चीफ एक्जीक्यूटिव', 'हेड ऑफ द स्टेट' जैसे कई विकल्प प्रस्तुत किए गए लेकिन संविधान सभा में 'राष्ट्रपति' नाम पर सहमति बनी.देश की आजादी से पहले जुलाई 1947 में संविधान सभा की बहस चल रही थी. इस दौरान राष्ट्रपति शब्द को 'नेता' या 'कर्णधार' से बदलने के लिए एक संशोधन लाने की चर्चा हुई. लेकिन इस पर बात नहीं बन सकी क्योंकि संशोधन लाने से पहले इस पर एक कमेटी को विचार करना था. बाद में ये तय किया गया कि प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया के लिए हिन्दी शब्द 'राष्ट्रपति' का ही प्रयोग किया जाए.अगस्त 1947 में देश को फिर से आजादी मिल गई. तो ये बहस दिसंबर 1948 में फिर से सामने आया. इस दौरान बाबा साहेब बी आर अम्बेडकर ने अलग-अलग भाषाओं में मौजूद संविधान के मसौदे में राष्ट्रपति के लिए इस्तेमाल किए गए शब्दों का उल्लेख किया था. बाबा साहेब ने तब कहा था कि अंग्रेजी में मौजूद संविधान के मसौदे में प्रेसिडेंट शब्द के इस्तेमाल का प्रस्ताव दिया गया था. लेकिन हिन्दु्स्तानी ड्राफ्ट में 'हिन्द का एक प्रेसिडेंट' शब्द की चर्चा की गई थी. यहां हिंद देश के नाम के लिए प्रयोग किया गया था और प्रेसिडेंट सर्वोच्च पद के लिए लिखा गया था. यहां मजेदार बात यह है कि हिन्दी में मौजूद संविधान के मसौदे में 'प्रधान' शब्द का प्रयोग किया गया था, यहां राष्ट्रपति का जिक्र नहीं था. जबकि उर्दू ड्राफ्ट में राष्ट्रपति के लिए 'सरदार' शब्द का उल्लेख किया गया था.संविधान सभा में बिहार से सदस्य केटी शाह ने डिबेट के दौरान कहा था कि भारत के राष्ट्रपति को 'The Chief Executive' और 'Head of the State' के नाम से संबोधित किया जाना चाहिए. लेकिन कुछ सदस्यों के द्वारा पुरजोर विरोध के बाद के टी शाह के संशोधन को खारिज कर दिया गया.इस दौरान अपने जवाब में बाबा साहेब अम्बेडकर ने कहा था, "मुझे समझ में नहीं आ रहा है कि इन शब्दों को लाने का उनका क्या आशय है, 'Chief Executive' और 'Head of the State'अमेरिकी सिस्टम में राष्ट्रपति को संबोधित करने के लिए किया जाता है, संसदीय व्यवस्था में इसका प्रयोग नहीं किया जाता है और हम संविधान के मसौदे में संसदीय व्यवस्था की ही बात कर रहे हैं.