यूरोपियन यूनियन का सदस्य क्यों बनना चाहता है यूक्रेन, जमीन पर कितनी बदलेगी तस्वीर?
रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग अब और तेज हो चुकी है. दोनों तरफ से आक्रमक रवैया अपनाने की बात कही गई है. अब इस बीच रूस को घेरने के लिए यूक्रेन एक नई रणनीति पर काम कर रहा है. उसने एक बार फिर यूरोपीय संघ का हिस्सा बनने की बात कर दी है. जोर देकर कहा गया है कि यूक्रेन को तुरंत EU का सदस्य बनाया जाए. उसकी तरफ से यूरोपीय संघ की सदस्यता के लिए अप्लाई भी कर दिया गया है.अब यूक्रेन का ये कदम इसलिए मायने रखता है क्योंकि अभी तक रूस जंग जारी जंग के बीच इस देश को जमीन पर किसी दूसरे मुल्क से ज्यादा मदद नहीं मिली है. पहले राष्ट्रपतिZelensky ने कहा था कि नाटों देशों द्वारा उनकी तुरंत मदद की जाए,यूरोपियनयूनियनकासदस्यक्योंबननाचाहताहैयूक्रेनजमीनपरकितनीबदलेगीतस्वीर उन्हें हथियार दिए जाएं, लेकिन वो पहल सफल नहीं रही. ऐसे में यूक्रेन के पास दूसरा विकल्प यही था कि उसे यूरोपीय संघ की सदस्यता मिल जाए. ये भी एक काफी पुरानी मांग है जिसको लेकर यूक्रेन लड़ रहा है. जैसे नाटों की सदस्यता यूक्रेन के लिए मायने रखती है, उसी तर्ज परEU का सदस्य बनना भी यूक्रेन के लिए महत्वपूर्ण है.जो सपना यूक्रेन देख रहा है, वो जल्द तो पूरा नहीं हो सकता लेकिन लंबे समय में इस देश की सुरक्षा के लिहाज से एक 'ऐतिहासिक कदम' साबित हो सकता है. खुद राष्ट्रपतिZelensky इस कदम को अपने देश के लिए काफी अहम मानते हैं. सोमवार को उन्होंने कहा था कि मैं अपने सभी साथी देशों का शुक्रिया करना चाहता हूं, लेकिन मेरा मानना है कि हमे हर यूरोपीय देश के साथ मिलकर काम करना है, सभी की तरह एक समान अधिकार चाहिए. मेरी नजरों में ये बिल्कुल ठीक है और हम ये डिजर्व करते हैं. हमे यूरोपीय संघ की सदस्यता मिलनी चाहिए.अब जिस यूरोपीय संघ की सदस्या राष्ट्रपतिZelensky चाहते हैं, वो प्रक्रिया काफी लंबी है, इतनी लंबी की सालों का वक्त जा सकता है. आज से दस साल पहलेCroatia को यूरोपीय संघ का सदस्य बनाया गया था. लेकिनCroatia की वो मांग भी कई सालों बाद पूरी हुई थी. ऐसे में यूक्रेन अगर ये सोचकर बैठा है कि उसे तुरंतEU की सदस्यता मिल जाएगी, तो ऐसा नहीं होने वाला है. एक लंबी प्रक्रिया और कई जरूरतों को पूरा करने के बाद ही कोई भी देश यूरोपीय संघ का सदस्य बन सकता है.सबसे पहले तो यूक्रेन को फ्री मार्केट इकोनॉमी बनानी होगी, फिर उसे EU के सभी कायदे-कानून मानने पड़ेंगे. इसके अलावा उसेeuro करेंसी को स्वीकार करना होगा. ये सब करने के बाद पूरा मामला यूरोपियन काउंसिल के बाद जाएगा जहां पर ये परखा जाएगा कि कोई भी देश क्या तमाम शर्तों को पूरा कर रहा है या नहीं.अगर मान लीजिए की यूरोपियन काउंसिल द्वारा किसी देश के पक्ष में बात रख दी जाए, उसके बाद भी तुरंत ईयू की सदस्यता नहीं मिलती है. इस कदम के बाद सबसे चुनौतीपूर्ण पड़ाव आता है, जहां पर यूरोपियन काउंसिल के सभी सदस्यों को एक मत से किसी देश को स्वीकृति देनी होती है. यही पड़ाव सबसे मुश्किल होता है क्योंकि हर देश का एक मत पर आना आसान नहीं रहता. यूक्रेन के केस में भी यही चक्कर है, हर देश इस बात के पक्ष में नहीं है कि यूक्रेन को यूरोपीय संघ का सदस्य बनाया जाए.खुदEuropean Council President Charles Michel ने बताया है कि अभी यूक्रेन की सदस्यता को लेकर कई देशों के अलग विचार हैं. ऐसे में सभी देशों का एक साथ यूक्रेन के पक्ष में वोट कर देना मुश्किल लगता है. इसी वजह से कहा जा रहा है कि यूक्रेन को तुरंत ईयू की सदस्यता नहीं मिलेगी, लेकिन समय के साथ वो सदस्य बन सकता है.अब सवाल है कि अगर यूक्रेन यूरोपीय संघ का सदस्य बन जाता है तो जमीन पर स्थिति कितनी बदलेगी? अगर यूक्रेन यूरोपीय संघ का सदस्य बन जाता है, रूस के लिए ये उतनी बड़ी ही चुनौती साबित हो सकता है जितना तब होता जब यूक्रेन, नाटो से हाथ मिला लेता.अगर यूक्रेन यूरोपीय संघ का सदस्य बनता है, ऐसे में उसकी सैन्य शक्ति में जबरदस्त इजाफा देखने को मिल जाएगा. ऐसा इसलिए क्योंकि सभीEU देश का ये दायित्व बन जाता है कि वो उस देश की मदद करें जिसकी धरती पर दुश्मनों द्वारा आक्रमण किया जाता है. इस सब को लेकर बकायदा एकmutual defense clause होता है, जिस वजह से मुश्किल में फंसे देश की मदद करना अनिवार्य हो जाता है. यही कारण है कि यूक्रेन भी तुरंत ईयू की सदस्यता चाहता है. ऐसा होने पर रूस के खिलाफ उसे बड़ी ताकत मिल सकती है.इसके अलावा आर्थिक दृष्टि से भी ईयू का सदस्य बनना यूक्रेन के लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकता है. एक तरफ उसे सभी यूरोपियन देशों संग खुला बाजार मिलेगा और हर सामान बिना किसी पाबंदी के आसानी एक देश से दूसरे देश जा पाएगा. वहीं ईयू का सदस्य बनने पर यूक्रेन के नागरिकों की भी बड़ी मदद होगी, उन्हें कई तरह के अधिकार दे दिए जाएंगे. कुछ अधिकार तो अभी यूक्रेन के नागरिकों को मिल भी चुके हैं.बताया गया है कि अगर अभी कोई भी नागरिक यूक्रेन से किसी यूरोपीय देश आएगा, तो तीन साल तक शरणार्थियों कोशरण के लिए आवेदन करने की जरूरत नहीं पड़ेगी. ऐसे में अगर यूक्रेन यूरोपीय संघ का सदस्य बनता है तो उसे एक बड़ा सुरक्षा कवच तो मिलेगा ही, इसके अलावा उसके नागरिक भी ज्यादा महफूज महसूस कर पाएंगे.अभी इस रूस संग जारी युद्ध की बात करें तो यूरोपीय संघ द्वारा यूक्रेन को लड़ने के लिए हथियार दिए गए हैं, इसके अलावा रूस पर भी कड़े प्रतिबंध लगे हैं. ऐसे में ईयू के कई देश रूस की कार्रवाई का विरोध कर रहे हैं और इस मामले में यूक्रेस संग खड़े नजर आ रहे हैं.Slovakia के प्रधानमंत्रीEduard Heger को तो इस बात का समर्थन कर चुके हैं कि यूक्रेन को जल्द से जल्द यूरोपीय संघ का सदस्य बना देना चाहिए. उनकी नजरों में ये देश अपनेलिए लड़ रहा है,हमारे के लिए लड़ रहा है, अपने हक के लिए लड़ रहा है.लेकिन कुछ देशों के समर्थन से यूक्रेन को यूरोपीय संघ की सदस्यता नहीं मिल सकती है. वहीं उसके अलावा कुछ और देश हैं जो यूरोपीय संघ का सदस्य बनना चाहते हैं. वो देश हैंअल्बानिया, उत्तर मैसेडोनिया, मोंटेनेग्रो, सर्बिया और तुर्की. ये सभी देश पिछले कई सालों से ईयू का सदस्य बनने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन सभी की अलग-अलग स्टेज पर प्रक्रिया रुकी हुई है, ऐसे में यूक्रेन की ये राह भी आसान नहीं रहने वाली है.